G S T की सामान्य जानकारी
बहुत बहुत दिनों से सोच रहा था कि अपने ब्लॉग पर जीएसटी से संबंधित कुछ लिखूं तो आज फाइनली लिखना स्टार्ट कर रहा हूं दोस्तों जीएसटी जो की बहुत ही सरल है लेकिन लोग इसे समझ नहीं पाते हैं और उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है कभी-कभी उनके कंसलटेंट उन्हें गलत जानकारी देकर गुमराह करते हैं कुछ तो डराते भी है
दो आज दोस्तों हम जानेंगे की जीएसटी होता क्या है कितने प्रकार का होता है और इस पर लगने वाला टैक्स कितने परसेंट होता है आपके सारे सवालों का जवाब मैं इस ब्लॉक में दे रहा हूं वह भी हिंदी में एवं बहुत ही सरल तरीके से जिससे आपको जीएसटी समझने में आसानी होंगी चलिए दोस्तों बिना टाइम खराब किए हम स्टार्ट करते हैं जीएसटी जीएसटी को गुड्स एंड सर्विस टैक्स कहते हैं यह भारत में लागू है जीएसटी हम दो भागों में समझेंगे पहला जीएसटी कितने प्रकार का होता है एवं दूसरा जीएसटी पर लगने वाला टैक्स
1) जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं
दोस्तों जीएसटी तीन प्रकार के होते हैं अर्थात हम यह कह सकते हैं की जीएसटी टैक्स किसी भी करदाताओं को तीन भागों में चुकाना होता है
1) सी जीएसटी (CGST )जिसे हम सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स कहते हैं यह टेक्स सेंट्रल गवर्नमेंट को देना होता है यह अलग-अलग वस्तुओं के लिए अलग अलग होता है जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट तय करती है
2) एस जीएसटी (SGST )जिसे हम स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स कहते हैं यह टेक्स हमें स्टेट गवर्नमेंट को पे करना होता है यह भी अलग-अलग वस्तुओं के लिए अलग अलग होता है।
3)आई जीएसटी(IGST ) जोकि इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स कहलाता है यह हमें किसी बाहरी राज्य से व्यापार गतिविधि करने पर चुकाना होता है अर्थात यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे राज्य से वस्तु खरीद के लाता है तो उसे उस पर टैक्स पर करना होता है जो कि सेंट्रल गवर्नमेंट को सीधे चला जाता है।
4) चौथा यू जीएसटी (UGST )जोकि केंद्र शासित राज्य में प्रभाव शील है अर्थात यूनियन टेरिटरी केंद्र शासित राज्यों में यह टेक्स व्यापारी को देना होता है।
नोट :- किसी भी राज्य का व्यापारी अगर कोई भी वस्तु या सेवा अपने ही राज्य के अंदर व्यापारिक गतिविधियो मैं उपयोग करता है तो उसे दो टैक्स देने होते हैं एक स्टेट गवर्नमेंट को दूसरा सेंट्रल गवर्नमेंट को क्रमशः एसजीएसटी और सीजीएसटी व्यापारी को देना होता है
2) टैक्स के रेट को हम इस प्रकार समझेंगे आइए जानते हैं
जिस प्रकार हमने ऊपर बताया की जो टैक्स हम गवर्नमेंट को देते हैं वह अलग-अलग वस्तुओं के लिए अलग अलग होता है उन्हें एक निश्चित परसेंटेज के आधार पर गवर्नमेंट को देना होता है वह परसेंटेज क्या है आइए जानते हैं
गवर्नमेंट ने टैक्स को 4 भागों में बाटा है 5%,12%,18%,28% किसी भी वस्तु या सेवा पर यही चार ही टैक्स परसेंटेज के हिसाब से लगते हैं आइए हम जानते हैं एक उदाहरण के द्वारा टैक्स कैसे चुकाना होता है
माना की राजेश एक कांट्रेक्टर है जो की गवर्नमेंट टेंडर लेता है किसी मुंसिपल कारपोरेशन मैं एक वाहन 1 वर्ष के लिए किराए पर लगाने के लिए निविदा निकली जिसे राजेश कांट्रेक्टर द्वारा लिया गया टेंडर के हिसाब से राजेश को ही टैक्स देना होगा नगर पालिका के नियमानुसार गाड़ी वाहन प्रति महीने ₹30000 की दर से राजेश को कॉन्ट्रैक्ट दिया इस प्रकार जब महीने के अंत में नगर पालिका ने राजेश को बिल दिया जिसमें राजेश को 30000 की पेमेंट दी अब राजेश वाहन पर लगने वाले 5 परसेंटेज को अपने जीएसटी के माध्यम से गवर्नमेंट चुकाएंगे
30,000 का 5 परसेंट टैक्स 1500 होता है जिसमें ढाई परसेंट अर्थात ₹750 सेंट्रल गवर्नमेंट को एवं ₹750 स्टेट गवर्नमेंट को देगा।
चलिए दोस्तों अब अगले अध्याय में हम समझेंगे की जीएसटी की निल रिटर्न कैसे फाइल करें।
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