प्रशासन को गुमराह कर ग्लोबल आईटीआई कॉलेज शासन के नियमों का कर रहा खुला उल्लंघन
सैकड़ों छात्रों का भविष्य दांव पर
घोड़ाडोंगरी। सलैय्या आईटीआई कॉलेज में सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन ने प्रत्येक आईटीआई कॉलेज के लिए नियम बनाए है, किंतु कॉलेज संचालक अपने व्यक्तिगत लाभ पाने के लिए नियमों को दरकिनार कर सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। इन कॉलेजों में प्रशासन का बिल्कुल भी डर नहीं है।गुप्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रों को अच्छे प्रतिशत बनाने का लालच देकर मोटी रकम वसूली जाती हैं। छात्र मोटी रकम देकर ज्यादा प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण तो हो जाते हैं किंतु वह किसी भी कंपनी में कार्य करने के लिए योग्य नहीं रहते हैं। ऐसे खोखले ज्ञान प्रदान करने वाले कॉलेज से हमारे शहर के छात्र दूषित शिक्षा के शिकार हो रहे हैं। इसके पूर्व भी नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के रूप में कॉलेज की खबर प्रकाशित हुई थी। जिसमें यह बात सामने आई थी कि एक ही कॉलेज भवन में आईटीआई कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज दोनों संचालित किए जा रहे थे। किंतु इस कॉलेज पर आगे किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। इतने फर्जीवाड़े होने के बावजूद भी यह कॉलेज बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है। छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए प्रशासन को यह बात गंभीरता से लेनी चाहिए। उक्त कॉलेज पर जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे छात्रों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके। कुछ समाजसेवियों ने हमसे संपर्क किया है जो इस कॉलेज की जांच के लिए कलेक्टर और तहसीलदार से शिकायत करेंगे। यदि जांच हुई तो बिल्डिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी में भारी गड़बड़ियां मिल सकती है।
एक प्राइवेट आईटीआई कॉलेज खोलने के लिए आवश्यक नियम एवं शर्तें
केंद्र सरकार के अनुसार एक प्राइवेट आईटीआई कॉलेज खोलने के लिए भवन में बिल्डिंग बाइलॉज का पालन करना होगा। दो सौ प्रशिक्षणार्थी के लिए गांव में कम से कम दो एकड़ और शहरी इलाके में सवा एकड़ जमीन जरूरी होगी। लीज पर जमीन लेने पर वह 10 साल के लिए हो। छत पक्की या इंडस्ट्रीयल शीट की हो। प्राचार्य कक्ष, रिसेप्शन, प्रशासनिक कक्ष, स्टाफ रूम व काउंसिलिंग रूम के साथ ही बहुद्देशीय कक्ष, लाइब्रेरी, कैंटीन, पेयजल, फर्स्ट एड की सुविधा और खेल का मैदान अनिवार्य कर दिया गया है। पार्किंग, एटीएम, सीसीटीवी और आगजनी, भूकम्प सहित अन्य आपदा से बचाव की व्यवस्था रखनी होगी।
संस्थान के परिसर में प्रवेश के लिए कम से कम छह गेट हों। 25 वर्गमीटर व कम से कम तीन वर्गमीटर चौड़ा वर्गकक्ष हो।बिजली की मुकम्मल व्यवस्था व विकल्प में जेनरेटर अनिवार्य।
यदि कॉलेज शासन के मापदंडों का उल्लंघन कर संचालित किया जा रहा है तो ऐसे कॉलेज की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए
एडवोकेट एवं समाजसेवी
शंभू पंडोले
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